.नागरिकता संशोधन बिल पर पूर्वोत्तर में घमासान जारी है। असम में बुधवार को भी कई जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसके अलावा त्रिपुरा में विरोध के सुर उठ रहे हैं। पुलिस ने असम में भीड़ को खदेड़ने के लिए आंसू गैस का भी इस्तेमाल किया।
कई रेलगाड़ियां रद्द विभिन्न संगठनों द्वारा रेल रोको आंदोलन के चलते रेलवे ने तिनसुकिया और लुम्डिंग डिवीजन की 12 ट्रेनों को कैंसिल किया और 10 ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द किया।
असम के लखीमपुर, दिसपुर, तिनसुकिया, धेमजी, डिब्रूगढ़, चराईदेव, सिवासागर, जोरहाट, गोलाघाट, कामरूप (मेट्रो) और कामरूप में शाम सात बजे से 12 दिसंबर सुबह सात बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद। स्थिति पर काबू पाने के लिए डिब्रूगढ़ में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर रबड़ की गोलियां चलाई और लाठीचार्ज भी किया। वहीं गुवाहाटी में छात्रों ने मुख्य जीएस मार्ग बंद कर दिया जिसके बाद सचिवालय के निकट पुलिसकर्मियों के साथ झड़प की खबर है। पुलिस ने छात्रों को तितर-बितर करने के लिए लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे।
पुलिस ने बताया कि डिब्रूगढ़ शहर में एक पॉलिटेक्निक संस्थान के निकट प्रदर्शकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। प्रदर्शनकारियों द्वारा की जा रही पत्थरबाजी में एक पत्रकार भी घायल हो गया।
हालांकि बुधवार को किसी भी संगठन ने बंद नहीं बुलाया है। जोरहाट, गोलाघाट, डिब्रूगढ़, तिनसूकिया, शिवसागर, बोंगाईगांव, नगांव, सोनीतपुर और कई अन्य जिलों में सुबह लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर निकले।
अधिकारियों ने बताया कि सड़कों पर टायर जलाए गए हैं। वाहनों और ट्रेन की आवाजाही रोकने के लिए सड़कों और पटरियों पर लकड़ियों के कुंदे रख दिए गए हैं। डिब्रूगढ़ में चौलखोवा में रेलवे पटरियों और सड़कों से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए लाठीचार्ज भी किया। जिले के मोरन में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया और रबड़ की गोलियां चलाई गई।
वहीं, त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में भी लोगों ने नागरिक संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में लोग सड़क पर उतरे और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने कई ट्रेनें रद्द की और कई की समय-सारिणी बदली
विरोध प्रदर्शन को देखते हुए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने बुधवार को कई ट्रेनें रद्द कर दी और राज्य से चलने वाली कई ट्रेनों की समय-सारिणी बदल दी। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुभानन चंदा ने एक बयान में कहा कि कम से कम 14 ट्रेनों को या तो रद्द कर दिया गया है या गंतव्य स्थान से पहले ही रोक दिया गया है या फिर 'ट्रेन परिचालन' में बाधा को देखते हुए उनके रास्ते बदल दिए गए हैं।